18 Jan 2013



17 भारतीयों की रिहाई बस एक कदम दूर
निश्चल भटनागर/हरमेश मेशी, पटियाला/दिड़बा (संगरूर) :  
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की शारजाह जेल में एक पाकिस्तानी नौजवान मिश्री खान के कत्ल के आरोप में ब्लड मनी देकर फांसी की सजा से बचे 17 भारतीय युवकों की बहुप्रतीक्षित रिहाई अगले सप्ताह हो जाएगी, इससे पहले उन्हें घायल किए एक अन्य पाकिस्तानी युवक मुश्ताक अहमद के परिजनों को एक लाख विरहम का मुआवजा देना होगा। शारजाह अदालत में वीरवार को हुई इन भारतीय युवकों की पेशी में माननीय न्यायाधीश ने इन्हें अगले सप्ताह रिहा करने का आदेश सुनाया। पूरे मामले में अहम भूमिका निभाने वाले अप्रवासी भारतीय दुबई में होटल व्यवसायी एसपी सिंह ओबेराय ने आज पटियाला में बताया कि कल शुक्रवार और शनिवार को शारजाह में छुट्टी होने के कारण रविवार को सुबह ही कोर्ट में एक लाख विहरम (भारतीय मुद्रा में करीब 14 लाख 79 हजार रुपये) जमा कराते हुए एक प्रार्थना पत्र दिया जाएगा, इसमें सभी 17 भारतीय नागरिकों के वतन लौटने पर लगाए गए ट्रैवल बैन को उठा लेने का अनुरोध किया जाएगा। आज की सुनवाई में कहा गया कि इन भारतीयों की ओर से घायल किए मुश्ताक अहमद के लिए एक लाख विरहम का मुआवजा कोर्ट में भरने के बाद इन पर लगी ट्रैवल पाबंदी को हटा लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में यूएई में शराब की तस्करी को लेकर पाकिस्तानी मूल के युवकों से हुई एक झड़प में इन 17 भारतीयों पर मिश्री खान नामक युवक की हत्या करने और मुश्ताक अहमद और शाहिद नामक दो भाइयों को घायल करने का आरोप लगा था। खान को लेकर उन पर दर्ज कत्ल के केस के तहत उन्हें फांसी सुनाई गई। दुबई में ओबराय ने मृतक के परिजनों से संपर्क साधते हुए 20 जुलाई 2011 को कोर्ट में समझौते संबंधी कागजात दाखिल किए और 27 जुलाई 2011 को ब्लड मनी के रूप में दस लाख अमेरिकी डालर कोर्ट में बतौर मुआवजा जमा कराए, इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। 12 सितंबर 2011 को शारजाह कोर्ट ने दोषियों की फांसी माफ करते हुए उन्हें दो साल कैद की सजा सुना दी। इसके बाद केस आबू धाबी स्थित सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर हो गया, जहां से सभी भारतीयों को छह माह कैद की सजा मिली। तब तक उन्होंने जेल में चार साल की सजा काट ली थी। सभी भारतीयों की वतन वापसी पक्की हो गई थी और वे लौटने ही वाले थे कि झगड़े के दौरान घायल हुए पाकिस्तानी नागरिक मुश्ताक अहमद और उसके भाई शाहिद ने मुआवजे की मांग को लेकर केस कर दिया था। ये देखते हुए कोर्ट ने जेल में बंद भारतीयों की वतन वापसी पर ट्रैवल बैन लगा दिया था। ओबेराय ने यहां बताया कि सभी 17 भारतीयों की वतन वापसी पक्की हो गई है। सभी के पासपोर्ट रविवार को ही रिन्यू करवाने की तैयारी है और भारत वापसी के लिए उनके टिकट भी लेने की कवायद शुरू हो चुकी है। 17 भारतीयों की सूची : 1. सुखजिंदर सिंह पुत्र गुरमेज सिंह निवासी पट्टी (तनरतारन)। 2. सुखजोत सिंह पुत्र गुरदेव सिंह निवासी संघेड़ा (बरनाला)। 3. राम सिंह पुत्र मलकीत सिंह निवासी कनवी (अमृतसर)। 4. अरविंदर सिंह पुत्र बलराज सिंह निवासी घुरलवाड़ा (गुरदासपुर)। 5. बलजीत सिंह पुत्र बलजिंदर सिंह निवासी संघवाल (जालंधर) । 6. दलजीत सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी अत्तीआना (लुधियाना)। 7. धर्मपाल पुत्र परमजीत सिंह निवासी कोठे टहल सिंह वाला (फिरोजपुर)। 8. सतगुर सिंह पुत्र गुरमेल सिंह निवासी घनौड़ जट्टां (संगरूर)। 9. सतनाम सिंह पुत्र हरबंस सिंह निवासी रुहली कलां (लुधियाना)। 10. कश्मीर सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह निवासी रुतके (तरनतारन)। 11. सुबान सिंह पुत्र प्यारा लाल निवासी लोहिया खास (कपूरथला)। 12. कुलविंदर सिंह पुत्र बलदेव सिंह निवासी बंसीपुरा (लुधियाना)। 13. कुलदीप सिंह पुत्र सूबा सिंह निवासी कुकराना (मोगा)। 14. सुखजिंदर सिंह पुत्र मुख्तियार सिंह निवासी निकीमआनी (कपूरथला)। 15. नवजोत सिंह पुत्र अमरीक सिंह निवासी रायकोट (लुधियाना)। 16. हरजिंदर सिंह पुत्र सीतल सिंह निवासी फगवाड़ा। 17. तरनजीत सिंह पुत्र बलबीर सिंह निवासी जगदीश पुरा जिला कैथल (हरियाणा)।
6 एक लाख विरहम की मुआवजा राशि भरनी पड़ेगी

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