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सज़ा-ए-मौत का हुक्म था...अब शादी करूंगा'
 मंगलवार, 12 फ़रवरी, 2013 को 15:35 IST  
हत्या
17 भारतीयों को यूएई की एक अदालत ने साल 2010 में मिस्री खान की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद सज़ा-ए-मौत का हुक्म दिया गया था.
सज़ा-ए-मौत का हुक्म हो चुका था. ऐसा लग रहा था कि ज़िंदगी बस कुछ दिन की ही बची है. लेकिन मुझे नया जीवन मिला है. अब शादी करने की सोच रहा हूँ.
यह कहना है 28 वर्षीय कुलदीप सिंह का जिन्हें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पाकिस्तान के नागरिक मिस्री खान की हत्या का दोषी पाया गया था.
लेकिन अब वो रिहा हो कर भारत आ गए हैं और शादी करने के सपने देख रहे हैं. ज़ाहिर है कि वो बहुत राहत महसूस कर रहे हैं.
कुलदीप सिंह उन 17 भारतीयों में से हैं जिन्हें यूएई की एक अदालत ने साल 2010 में मिस्री खान की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद सज़ा-ए-मौत का हुक्म दिया गया था.

पाँच करोड़ रुपए दिए

लेकिन दुबई में बसे भारतीय व्यापारी एसपीसिंह ओबरॉय ने उनके लिए दस लाख डॉलर (यानी लगभग 5.3 करोड़ रुपए) जुटा कर मृतक के परिवार वालों को दे दिए और यह मौत की सज़ा से बच गए.
शिया कानून में प्रावधान है कि अगर पीड़ित का परिवार ब्लड मनी यानी खून के बदले पैसा लेने के लिए राज़ी हो जाए तो दोषियों को क्षमा किया जा सकता है.
मामला 2009 का था जब अवैध शराब को लेकर कथित तौर पर हुए झगड़े के बाद मिस्री खान की मौत हो गई थी. दो लोग घायल भी हुए थे.
मार्च 2010 में इन लोगों को मौत की सज़ा सुनाई गई थी.
चार साल जेल में रहने के बाद वे अब रिहा हो कर वापस भारत आए हैं. मंगलवार को दिल्ली पहुंचने के बाद यह सभी अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकेंगे और फिर अपने घर जाएंगे.
एसपी सिंह कहते हैं, ''निचली अदालत ने इन्हें मौत की सज़ा दे दी थी जिसकी खबर मैंने पढ़ी और अधिकारियों से बात की तो पता चला कि अगर पीड़ित के परिवार को मुआवज़ा दिया जाए तो इन्हें बचाया जा सकता है.''
वे कहते हैं, ''मैंने किसी संस्था से या किसी और से पैसे नहीं लिए. खुद ही मैंने इस पैसे का इंतज़ाम किया.'' इन 17 लोगों में से 16 पंजाब से हैं जबकि एक हरियाणा से है.

'कभी विदेश नहीं जाऊंगा'

"अब कभी भारत से बाहर जाने की नहीं सोचूँगा. कर्ज़ उठा कर पैसा कमाने के लिए दुबई गया था. लेकिन जो दिन हमने देखे अब हम लोग कभी देश से बाहर नहीं जाएंगे."
कुलदीप सिंह
बीबीसी से बात करते हुए कुलदीप सिंह ने कहा, ''अब कभी भारत से बाहर जाने की नहीं सोचूँगा. कर्ज़ उठा कर पैसा कमाने के लिए दुबई गया था. लेकिन जो दिन हमने देखे अब हम लोग कभी देश के बाहर नहीं जाएंगे.''
वे कहते हैं कि पंजाब के मोगा जिले में वे खेती बाड़ी का काम करते थे. ''काम कुछ ज़्यादा नहीं था. इसलिए 2008 में दुबई चले गए. नौकरी मिल चुकी थी और ऐसा लगने लगा था कि खर्च के बाद तीन-साढ़े तीन हज़ार रुपए घर बेच पाउंगा.''
''लेकिन अभी काम करते करीब दो महीने ही हुए थे फिर एक दिन अचानक हमें पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार कर लिया. हम कहते रहे हमने कुछ नहीं किया लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. फिर सज़ा सुना दी गई.''
कुलदीप बताते हैं कि इस बात से परिवार के लोगों को बहुत झटका लगा. ''मुझसे दो साल बड़े भाई को दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया. एस पी सिंह मसीहा बन कर हमारी ज़िंदगी में आए और हमें रिहा करा लिया.''
वे कहते हैं कि हम पंजाब सरकार से गुहार लगाएंगे कि कोई काम यहां पर मिल जाए.

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SPS Oberoi: The Indian businessman who saved 17 lives


Surinder Pal Singh Oberoi with 17 Indian nationals he helped freeSurinder Pal Singh Oberoi (middle) with the men he helped free

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Who is the man who paid $1m (£645,000) as "blood money" to secure the release of 17 Indian nationals who were on death row for killing a Pakistani man in the United Arab Emirates?
Surinder Pal Singh Oberoi, 57, is a Dubai-based businessman from a small town in the northern Indian state of Punjab.
He came to Dubai in 1980 as a mechanic, returned to India after a year to launch a family business, and then returned to the emirate to start his own company.
Mr Oberoi is well known for his charity work.
Over the years, he says, he has put in his own money and collected donations worth $2.2m (£1.4m) to pay "blood money" to secure the release of 54 Indians - including the 17 men freed recently - sentenced to death for various crimes in the emirate.
To secure the recent release of 17 men, he paid $1m out of his own pocket, he says. The men returned to India on Tuesday.
'Messiah'
"He's our messiah. If he didn't come into our lives, we would have been all dead," says Kuldeep Singh, 28, one of the convicted men, who has now returned to his native village in Punjab.
The 2009 murder of the Pakistani man in Sharjah, an emirate just north of Dubai, took place after a dispute over control of an illegal alcohol business.
About 50 people were involved in the fatal attack in which the Pakistani man was stabbed repeatedly.

Start Quote

Surinder Pal Singh Oberoi
I believe I don't need a lot of money to survive”
Surinder Pal Singh Oberoi
The Indians, who had gone to the emirate for work, were found guilty and sentenced to death in March 2010.
For the last two years, Mr Oberoi has been paying "blood money" to the relatives of the victim to secure the release of all the men.
"The family of the victim had demanded much more, but after negotiations they brought it down to $1m," he says.
"It is a lot of money. But don't assume that I am very rich. On the contrary 90% of my earnings go into charity or donations. I believe I don't need a lot of money to survive."
The website of Mr Oberoi's Apex Group of Companies mentions that it has interests in engineering, food and construction.
Clearly, he has come a long way after training as a mechanic in his home town of Nangal in Punjab.
Mr Oberoi was embroiled in controversy last year when Indian authorities began a probe into allegations that he was avoiding taxes and violating India's foreign exchange rules.
The businessman denies the allegations.
"Why should I spend so much money to save a few thousand dollars of tax?" he says.
Mr Oberoi plans to carry on with his "mission" to save the lives of Indians on death row in UAE.
"It has become my hobby," he says. "People now identify me as the person [who can save lives]. I can't let them down."

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